चंडीगढ़ पंजाब एवं हरियाणवी क्वार्टर बार एसोसिएशन की आम बैठक में राष्ट्रपति और महाराष्ट्र के समक्ष एचआईएस के पैसे और जमा राशि की हेराफेरी का मामला रखा गया। वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस बल के नेतृत्व में आम बैठक के दौरान यह प्रस्ताव पारित किया गया है. आम सभा की बार-बार मांग के बावजूद अध्यक्ष और महासचिव ने बटाला प्रक्रिया विवरण प्रस्तुत नहीं किया। इसे हर माह जमा करने की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा सवालों की जांच के लिए गठित पांच सदस्यीय टीम को भी अध्यक्ष विकास मलिक ने अपना जवाब नहीं दिया है. महिला कांग्रेस के अपमान पर बैठक में यह भी पाया गया कि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महाराष्ट्र की ओर से महिला का अपमान किया गया है. उनकी ओर से समाज के पैसे की बर्बादी क्या है? बैठकों के दौरान अधिवक्ता सुरेंद्र लाम ने सवाल उठाते हुए कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी में हरियाणा से एक भी सदस्य नहीं है. इस पर बल ने कहा कि युद्ध के जिकाओं को धर्म, स्थान, नस्ल आदि के नाम से अलग नहीं किया जा सकता. मामले में अध्यक्ष विकास मलिक ने कहा कि कुछ वकील अपनी बात रख रहे हैं और काउंसिल के फोरम का दुरुपयोग कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की स्थिति खराब कर रहे हैं. ऐसी रणनीति और राजनीति दोनों ही कानूनी पेशे के लिए अच्छी नहीं हैं।’ वह उसकी ईमानदारी को कमजोर करता है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट काउंसिल हंसी का पात्र बनती जा रही है। बार एसोसिएशन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए. लेकिन कुछ सदस्य ऐसा नहीं करते.
https://www.bhaskar.com/local/chandigarh/news/proposal-against-chandigarh-high-court-bar-president-and-general-secretary-high-court-bar-council-controversy-update-high-court-bar-council-dispute-update-132853170.html
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चंडीगढ़ हाईकोर्ट बार और महाराष्ट्रियन के खिलाफ प्रस्ताव: अध्यक्ष पैसेनके रूपयोग और नेता की अपनी जल्दबाजी, कमेटी करेगी जांच – चंडीगढ़ समाचारच
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