संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने लोकसभा में मालवा क्षेत्र को राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ने के लिए राजपुरा-चंडीगढ़ रेल लिंक बनाने का मुद्दा उठाया। आजादी के 77 साल बाद भी मालवा के लोग राजधानी चंडीगढ़ से रेल मार्ग द्वारा नहीं जुड़े हैं। जिसके लिए केवल राजपुरा और चंडीगढ़ को जोड़ने के लिए रेल लिंक की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जमीन अधिग्रहित का हवाला देती है। उन्होंने कहा कि यदि सड़क बनाने के लिए भूमि एक्वायर हो सकती है तो सरकारी रेल सेवा के लिए क्यों नहीं। सांसद मीत हेयर ने आगे कहा कि कोविड के समय सीनियर सिटीजन और खिलाड़ियों को दी जा रही रियायत बंद किए जाने के मामले में इसे दोबारा शुरू करने की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को भी इस रियायत के दायरे में लाया जाए।
आजादी के बाद केवल 15,000 किलोमीटर नई रेल लाइनें जोड़ी गईं उन्होंने बरनाला-संगरूर में हाई-स्पीड रेल चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मीत हेयर ने रेल नेटवर्क के धीमे विस्तार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के बाद केवल 15,000 किलोमीटर नई रेल लाइनें जोड़ी गईं। मीत हेयर ने निजीकरण की ओर बढ़ते सरकारी रुझान पर चिंता जताई और कहा कि जैसे अन्य सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया गया, वैसे ही रेल सेवाओं को भी सुरक्षित रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत सस्ती हवाई सेवाओं के जो वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं हुए। इसलिए, सरकारी रेल सेवाओं को मजबूत करना देशवासियों के लिए स्थायी और जनहितकारी उपाय होगा।