अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल आज शनिवार श्री फतेहगढ़ साहिब पहुंचे हैं। जहां वे अपनी सजा पूरी कर रहे हैं। अमृतसर में गोल्डन टेंपल व श्री केशगढ़ साहिब में 2-2 दिन की सजा पूरी करने के बाद अब सुखबीर बादल यहां पहुंचे हैं। एसजीपीसी की अंत्रिम कमेटी के सदस्य जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि बीते दिन ही एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की तरफ से 9 दिसंबर को अंतरिम कमेटी की बैठक भी बुलाई है। जिसका एजेंडा सुखबीर बादल पर हमला ही है। वहीं, फतेहगढ़ साहिब में सुखबीर बादल को लगातार सुरक्षा घेरे में रखा गया है। उन्हें चारों तरफ से घेरा गया है और संगत को उनके पास भी जाने की इजाजत नहीं है। एक घंटे तक सेवादार का चोला पहन, हाथ में बरछा पकड़ और गले में सजा की तख्ती पहन सुखबीर बादल आज यहां कीर्तन भी सुनेंगे और बर्तन भी साफ करेंगे। सुखबीर बादल को गोल्डन टैंपल, श्री केशगढ़ साहिब और अब श्री फतेहगढ़ साहिब में सजा निभाने के बाद तख्त श्री दमदमा साहिब और श्री मुक्तसर साहिब में जाकर भी सजा पूरी करनी है। उनकी ये सजा 13 अप्रैल को पूरी होगी।
13 दिसंबर के बाद उनका इस्तीफा होगा मंजूर
श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सुखबीर बादल व अन्य के दिए गए इस्तीफों को परवान करने और इसकी रिपोर्ट भेजने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन अकाली दल ने सजा के चलते श्री अकाल तख्त साहिब से इसे मंजूर करने व रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांग लिया था और उनकी इस मांग को श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से मान भी लिया गया है।
वहीं, सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने में देरी पर बागी गुट एक बार फिर अलग नजर आया। बागी गुट ने सुखबीर बादल के इस्तीफे को मंजूर करने में देरी को श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमों का निरादर बताया है।
पुलिस के पकड़े जाने के बाद सुखबीर बादल पर गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौड़ा की पगड़ी उतारी गई थी।
नारायण चौड़ा की पगड़ी पर भी विवाद हुआ शुरू
वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल के नेताओं की तरफ से सुखबीर बादल पर गोली चलाने के बाद नारायण सिंह चौड़ा की उतारी गई पगड़ी पर भी विवाद छिड़ गया है। दरअसल, सुखबीर बादल पर गोली चलाए जाने के बाद पुलिस ने नारायण चौड़ा को हिरासत में ले लिया था। लेखिन, अकाली दल समर्थकों ने पुलिस झुंड के बीच जाकर नारायण चौड़ा की पगड़ी को उतार नीचे फेंक दिया। नारायण चौड़ा की पगड़ी उतारे जाने पर उनके बेटों और अकाली दल के विरोधियों ने विरोध दर्ज किया। जबकि अकाली दल ने इसे गोली चलाए जाने की घटना के बाद का रिएक्शन बताते हुए इसे मुद्दा ना बनाने की बात कही है।