पंजाब के मोहाली में 8वीं पास युवक रणदीप सिंह को डंकी रूट से कनाडा होते हुए अमेरिका भेजने का सपना एक ट्रैवल एजेंट ने दिखाया। बेटे को विदेश भेजने के बदले परिवार से 22 लाख रुपए तक वसूल लिए । 8 महीने तक युवक कंबोडिया में ही फंसा रहा । वहीं, इस मामले में अब मोहाली जिले की डेराबस्सी पुलिस ने हरियाणा के ट्रैवल एजेंट के खिलाफ मृतक के भाई की शिकायत पर पर केस दर्ज किया है। आरोपी की पहचान बिक्रम सिंह निवासी गांव बब्याल थाना महेश नगर अंबाला हरियाणा के रूप में हुई है। आरोपी पर पुलिस भारतीय न्याय सहित 318(4) धोखाधड़ी और बेइमानी से संपत्ति हस्तांतरण या रखने के अपराध में शामिल, 316 (2 ) आपराधिक विश्वासघात, पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल एक्ट 2014 की धारा (13) व इमिग्रेशन एक्ट 1983 की धारा 24 के तहत केस दर्ज किया है। सूत्रों की माने तो आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। इन धाराओं में दोषी पाए जाने पर आरोपी को पांच से सात साल की जेल हाे सकती है।
FIR में मुख्य रूप से तीन बातों का जिक्र है –
1. रवि ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार में दो भाई और एक बहन हैं। छोटा भाई रणदीप सिंह 22 साल का था। जो कि 8वीं तक पढ़ा था। हम उसे कोई कामकाज खोलकर देने वाले थे। लेकिन आरोपी एजेंट ने कहा था कि वह उसे कनाडा भेज देगा। इसके लिए उन्हें 22 लाख रुपए का इंतजाम करना होगा।
2. आरोपी हमारा रिश्तेदार भी था, इस वजह से हमने उसकी बातों पर विश्वास कर लिया। हमने पैसे का इंतजाम कर आरोपी को दिए। रकम पूरी लेने के बाद आरोपी ने उसके भाई को अप्रैल महीने में विदेश भेज दिया था। इसके बाद एजेंट भाई को अलग-अलग देशों में घुमाता रहा। लेकिन वह कनाडा तक नहीं पहुंच पाया।
3.. इसी बीच उन्हें पता चला कि भाई बीमार हो गया है। भाई ने वीडियो कॉल के जरिए उनसे बात भी की थी। आरोपी एजेंट उसकी इजाज के नाम पर भी उनसे पैसे वसूलता रहा । 21 फरवरी को उसके भाई की कंबोडिया में मौत हो गई। अभी तक भी उसका शव वहां पर है।

मृतक के परिजन विलाप करते हुए।
देश वापस न आ सके, पासपोर्ट भी छीन लिए थे
रणदीप के परिजनों ने बताया कि 20 फरवरी को पुलिस को दी गई शिकायत में बताया था कि बेटा आठ महीने से कंबोडिया में फंसा हुआ है। आरोपी एजेंट न तो उन्हें आगे भेज रहा है और न ही वापस। इन लोगों को भारत वापस भागने से रोकने के लिए एजेंट ने उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए। इसी बीच रणदीप को फोड़ा हो गया। उसका ठीक से इलाज नहीं हो सका। इसी बीच उसकी मौत हो गई। परिजनों ने एजेंट के खिलाफ शिकायत देकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने और पैसे वापस दिलाने की मांग की है।
परिजनों ने भेजे 20 हजार, सुबह आई मौत की खबर
मृतक के बड़े भाई रवि ने बताया कि उसके पिता 58 वर्षीय बलविंदर सिंह और मां ज्ञान कौर दिहाड़ी मजदूर हैं। रणदीप को कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचना था लेकिन एजेंट उसे कनाडा भी नहीं ले जा सका। आर्थिक मदद मिलना तो दूर, परिवार रणदीप की अंतिम क्षणों में मदद भी नहीं कर सका।
फोन पर वह कह रहा था कि वह विदेश में नहीं रहना चाहता। शुक्रवार को उसे ऑनलाइन बीस हजार रुपए भी भेजे गए लेकिन शनिवार तड़के उसकी मौत की खबर आ गई। जिंदा रहते उसे बचाया नहीं जा सका, अब शव का इंतजार है।
मोहाली में पहले दर्ज है दो FIR
जब से यह डंकी रूट से अमेरिका भेज गए लोगों को डिपोर्ट करने का मामला गर्माया हुआ है। तब से यह मोहाली में तीसरी एफआईआर है जो कि अंबाला के ट्रैवल एजेंटों पर दर्ज हुई है। इससे पहले एक एफआईआर मोहाली के थाना फेज-11 और दूसरी एफआईआर ब्लॉक माजरी में हुई है।