चंडीगढ़: संत रविदास जी की जयंती के पावन अवसर पर शहर भर में श्रद्धा और उल्लास का माहौल देखने को मिला। विभिन्न स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। पंजाब गवर्नमेंट रेजिडेंट्स सेक्टर 39-C की ओर से श्री गुरु रविदास महाराज जी के प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करवाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु शामिल हुए और गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस पावन अवसर पर नगर निगम मेयर हरप्रीत कौर बबला, सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, एरिया पार्षद गुरबख्श रावत और पार्षद लखबीर सिंह समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने श्री गुरु रविदास जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनकी शिक्षाओं का स्मरण किया।
गुरु रविदास के उपदेश आज भी प्रासंगिक
इस मौके पर मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि संत रविदास ने समाज को सैकड़ों वर्ष पूर्व जो संदेश दिया था, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने बताया कि गुरु जी ने जातिवाद और छुआछूत से ऊपर उठकर समरसता से भरपूर समाज की स्थापना का मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा, “गुरु रविदास का संदेश है कि प्रेम, समानता और मानवता को प्राथमिकता दी जाए। हम सभी को उनके विचारों को आत्मसात कर समाज में भाईचारे की भावना को और मजबूत करना चाहिए।“
सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने गुरु जी के प्रसिद्ध वचनों का उल्लेख करते हुए कहा, “मन चंगा तो कठौती में गंगा”—यह मात्र एक पंक्ति नहीं, बल्कि जीवन जीने का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि यदि हम अंदर से शुद्ध और सकारात्मक विचारों से युक्त रहेंगे, तो हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी।
नगरवासियों में दिखा भक्ति भाव
इस अवसर पर स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन और सत्संग का आयोजन किया, जिसमें गुरु रविदास जी की शिक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। श्रद्धालुओं ने गुरु जी की वाणी का पाठ किया और उनके विचारों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। गुरु रविदास जयंती के उपलक्ष्य में शहर की विभिन्न गलियों और मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया। भक्तजनों ने गुरु महाराज के चित्र पर फूल चढ़ाए और प्रसाद वितरण किया। आयोजन स्थल पर आए हुए श्रद्धालुओं को लंगर भी वितरित किया गया, जिसमें सभी ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर सामूहिक भोजन ग्रहण किया।
संत रविदास का संदेश: समानता और भाईचारा
गौरतलब है कि संत रविदास ने अपने समय में समाज में व्याप्त भेदभाव और ऊंच-नीच की भावना को समाप्त करने का प्रयास किया। उन्होंने लोगों को सिखाया कि मनुष्य की पहचान उसके कर्मों से होती है, न कि उसके जन्म से। उनके उपदेशों ने समाज को नई दिशा दी और आज भी उनकी शिक्षाएं प्रेरणा देने का कार्य कर रही हैं।
समाज को जागरूक करने की अपील
पार्षद लखबीर सिंह ने कहा कि हमें संत रविदास जी की शिक्षाओं को केवल सुनने तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने जीवन में भी अपनाना चाहिए। उन्होंने नगरवासियों से अपील की कि वे समाज में एकता और समानता के संदेश को आगे बढ़ाएं और छुआछूत जैसी कुरीतियों को समाप्त करने में योगदान दें।
भविष्य में भी होंगे ऐसे आयोजन
आयोजकों ने बताया कि संत रविदास जी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संत रविदास जी के संदेशों को पढ़ें, समझें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें।संत रविदास जयंती के इस भव्य उत्सव ने पूरे शहर को भक्तिमय कर दिया और सभी ने मिलकर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।